ताजा समाचार

Rakesh Sharma: ‘स्पेस से लौटते समय मुझे लगा कि मैं बच नहीं पाऊंगा’, 40 साल बाद राकेश शर्मा ने खोला बड़ा राज

Rakesh Sharma: भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने सोमवार को अपने अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि सोयुज अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर लौटना उनके अंतरिक्ष यात्रा का सबसे रोमांचक अनुभव था। एक पल के लिए उन्हें लगा कि वे सुरक्षित रूप से लौटने में असमर्थ हो सकते हैं।

Rakesh Sharma: 'स्पेस से लौटते समय मुझे लगा कि मैं बच नहीं पाऊंगा', 40 साल बाद राकेश शर्मा ने खोला बड़ा राज

राकेश शर्मा ने ‘यूथ सभा 2047: शैपिंग इंडिया’s फ्यूचर’ कार्यक्रम में अपनी अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव साझा किया। यह कार्यक्रम ‘एनर्जी, एनवायरनमेंट और वाटर काउंसिल’ और ‘यूनाइटेड नेशंस फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित किया गया था। शर्मा ने पिक्सल स्पेस के सह-संस्थापक और सीईओ अवैस अहमद से बातचीत में कहा कि उन्हें अपने अंतरिक्ष यात्रा की लॉन्च को लेकर कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि सब कुछ कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित था।

पृथ्वी पर लौटना था ज्यादा रोमांचक

पृथ्वी पर लौटने के अनुभव को याद करते हुए शर्मा ने कहा कि लौटना ज्यादा रोमांचक था, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि वे सफल नहीं हो पाएंगे। राकेश शर्मा को जनवरी 1982 में सोवियत इंटरकॉसमोस मिशन के लिए चयनित किया गया था। उन्होंने 3 अप्रैल 1984 को बायकोनुर कॉस्मोड्रोम से सोयुज T-11 यान में उड़ान भरी थी।

शर्मा ने कितने दिन अंतरिक्ष में बिताए?

शर्मा ने अंतरिक्ष में सात दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए और 11 अप्रैल को पृथ्वी पर लौटे। गौरतलब है कि भारत इस वर्ष के अंत में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और निजी अंतरिक्ष कंपनी ‘एक्षियम’ के साथ मिलकर एक अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है।

भारत ने गगनयान मिशन की घोषणा की

एयरफोर्स विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला एक्षियम मिशन-4 के लिए ह्यूस्टन में प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारत ने अगले वर्ष 400 किमी की कक्षा में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए गगनयान मिशन की भी घोषणा की है।

Back to top button